आंगनवाड़ी सेवायें योजना (ICDS Scheme), भारत सरकार द्वारा प्रायोजित, 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं में कुपोषण और स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए भारत की एक अनूठी प्राथमिक सामाजिक कल्याण योजना है। 1975 में इसकी स्थापना के बाद से आंगनवाड़ी सेवायें योजना (ICDS Scheme) ने अपने दायरे में उल्लेखनीय रूप से विस्तार किया है। प्रदेश में बच्चों के सर्वागीण विकास और कल्याण हेतु आंगनवाड़ी सेवायें योजना (ICDS Scheme) के संचालन के लिए वर्ष 1988 से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के रूप में एक अलग विभाग कार्यरत है। वर्ष 2008-09 में इस योजना का सार्वभौमीकरण हो चुका है और यह योजना प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में 897 बाल विकास परियोजनाओं एवं 189789 आंगनवाडी केन्द्रों के माध्यम से योजना संचालित है।
यह योजना मुख्य रूप से शिशु और बाल मृत्यु दर को कम करने और मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने पर केंद्रित है। चूंकि कुपोषण संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा निर्धारित SDGs से निकटता से जुड़ा हुआ है। राज्य में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, पोषण सम्बंधित सतत विकास लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है। ICDS के तहत, आंगनवाड़ी केंद्रों (AWCs) को बच्चों, किशोरियों और गर्भवती / धात्री महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए स्थानीय संपर्क केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, दुनिया के सबसे बड़े और इस सबसे अनोखे और आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से लाभार्थियों को पूरक पोषण, टीकाकरण, बच्चों की वृद्धि पर निगरानी, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं, पूर्व- स्कूल गैर-औपचारिक शिक्षा प्रदान की जा रही है।